
मालदीव ने भारत के साथ दुश्मनी मोल लेकर जो गलती किया है, इसका भुगतान सिर्फ मालदीव की नई मोइज्जू सरकार नहीं बल्कि मालदीव की जनता भी करने वाली है।
मालदीप के अंदर आलू का भारी संकट मचा कोहराम
मालदीप के अंदर आलू का भारी संकट मचा कोहराम कुछ समय पहले ही भारत सरकार ने चावल के निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाया था और इस सूची में मालदीव का नाम भी शामिल था। इसके बाद प्याज और अभी हाल ही में भारत सरकार ने शुगर के कई उत्पाद के निर्यात पर रोक लगाई है।
एक और खाद्य सामग्री आलू जो कि मालद्वीप के अंदर बड़ी मात्रा में निर्यात किया जाता था अब लगभग रोका जा चुका है।
भारत आज दुनिया का 10 प्रतिशत आलू अकेले निर्यात करता है
भारत के अंदर पूरे देश में इतना ज्यादा आलू उत्पादन होता है जिसकी वजह से भारत दुनिया का सबसे बड़ा आलू निर्यातक कंट्री माना जाता है इसीलिए भारत नेपाल मालदीव्स यूनाइटेड स्टेट जैसे कई देशों में आलू निर्यात करते हैं और भारत आज दुनिया का 10 प्रतिशत आलू अकेले निर्यात करता है।
जब बात आती है खाद्य सुरक्षा की तो मालदीव सबसे ज्यादा भारत के ऊपर निर्भर है। यदि देखा जाए तो भारत खाद्य सुरक्षा के मामले में मालदीव का एक बड़ा बंदरगाह का भागीदार है जिसमें भारत मालदीव को अंडा दाल चावल चीनी गेहूं प्याज और आलू निर्यात करते हैं लेकिन जहां एक तरफ भारत के अंदर आलू का उत्पादन बढ़ रहा है वहीं मालदीव के अंदर जाने वाले आलू की मात्रा घटती चली जा रही है दरअसल हाल ही में मेंट्स के रिपोर्ट के मुताबिक तमिलनाडू में भारी वर्षा शुरू हुई है जिसके कारण वहां के करीब 10 जिला प्रभावित हुए हैं और इसके कारण जिस बंदरगाह के माध्यम से मालदीव के अंदर आलू निर्यात किए जाते थे वो बंदरगाह पूरी तरीके से बंद किया जा चुका है यानी कि सीधे निर्यात बिल्कुल रुक चुका है।
मालदीव को भारत द्वारा करीब 25 से 30 रुपए की कीमत पर आलू निर्यात
मालदीव को भारत द्वारा करीब 25 से 30 रुपए की कीमत पर आलू निर्यात होते हैं अब यह सवाल आता है कि इसमें कौन सी बड़ी बात है मालदीव अपने दोस्त पाकिस्तान टर्की या फिर चाइना से भी आलू आयात करा सकता है।
मालदीव से भारत की दूरी मात्र 861 किमी है जबकि मालदीव से पाकिस्तान की दूरी करीब 3047 किमी की है और मालदीव से चाइना की दूरी करीब 4823 किमी की है। ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट और लॉजिस्टिक कॉस्ट देने में मालदीव की हालत खराब हो जाएगी। यानी कि जितनी कम दूरी से आप चीजों को आयात कराएंगे आपको उतना ही सामानों की कम कीमत पड़ेगी।
जिस मार्ग के द्वारा मालदीव के अंदर आलू जाते थे वो मार्ग ही पूरी तरीके से ब्लॉक हो चुका है और अब ये मार्ग कब खुलेगा इसके बारे में कोई भी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
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